अपका हमारे इस ब्लॉग पोस्ट में स्वागत है। आज हम सब एक खास विषय पर बात करने जा रहे है। आज़ हम सब कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। जहां पर किसी भी देवी-देवताओं की पूजा नहीं की जाती। यह सुनकर आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसा कोनसा मंदिर है जहां भगवान की पूजा नहीं होती। पर ऐसे मंदिर सच में है और यह मंदिर बहुत प्राचीन है। इनमें देवी-देवताओं की बजाय महाभारत और रामायण काल के पात्रों की पूजा की जाती है। आइए, ऐसे 10 मंदिरों के बारे में विस्तार से जानते हैं:
1. शकुनि मंदिर (केरल): सबसे पहले हम जिस मंदिर के बारे में बात करेंगे वह मंदिर केरल के कोल्लम जिले के पवित्रेश्वरम में स्थित है। इस मंदिर में किसी देवी देवता की पूजा नहीं होती बल्कि यहां महाभारत के प्रमुख पात्र जिस की वजह से महाभारत का युद्ध हुआ था। उस की पूजा होती है, वह है शकुनि। यहां पर रहने वाले लोगों का मानना है कि शकुनि में कुछ ऐसे गुण थे जो कि पूज्यनीय थें। (Source: Webdunia Hindi)2. दुर्योधन मंदिर (केरल): अब हम जिस मंदिर की बात करने जा रहे है, वो है दुर्योधन मंदिर। यह मंदिर शकुनि मंदिर के पास ही में स्थित है। इस मंदिर में कौरवों के सबसे बड़े भाई दुर्योधन की पूजा की जाती है। यह मंदिर हमारे देश में एक इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर दुर्योधन की पूजा होती है।(Source: Tv9 Hindi)
3. हिडिंबा देवी मंदिर (हिमाचल प्रदेश): अब हम जिस मंदिर के बारे में बात करेंगे, वह मंदिर भीम की पत्नी हिडिंबा का है। यह मंदिर मनाली में स्थित है। यह मंदिर एक गुफा में बना हुआ है और यह मंदिर भी बहुत प्राचीन है। इस मंदिर में बहुत से लोग आज भी अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए पूजा करने आते है। (Source: TV9 Hindi)
4. कर्ण मंदिर (उत्तराखंड): अब हम बात करेंगे कर्ण मंदिर के बारे में। क्या आप जानते हैं कि कर्ण मंदिर उत्तरकाशी के सारनौल में स्थित है। इस मंदिर में दानवीर कर्ण की पूजा की जाती है और यह मंदिर लकड़ी से बना हुआ है। इस जगह पर पांडवों के छह छोटे-छोटे मंदिर भी बनें हुए हैं। (Source: Webdunia Hindi)
5. द्रौपदी मंदिर (कर्नाटक): अब हम जिस मंदिर के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। वह मंदिर महाभारत की मुख्य पात्र द्रौपदी का मंदिर है। इस मंदिर में पांडवों की पत्नी द्रौपदी की पूजा की जाती है। यह मंदिर बेंगलुरु में स्थित है। यह मंदिर धर्मराय स्वामी मंदिर लगभग 800 वर्ष पुराना है। यह मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। (Source: Webdunia Hindi)
6. गिद्धेश्वर मंदिर (बिहार): अब हम जिस मंदिर की बात करने जा रहे है वह है, गिद्धेश्वर मंदिर। यह मंदिर जमुई जिले में स्थित है। इस मंदिर का संबंध रामायण काल से है। इस मंदिर के बारे में लोगों कआ मानना है, कि इस स्थान पर जटायु ने रावण से सीता माता को बचाने की कोशिश की थी और आपनी जान की कुर्बानी दी थी। (Source: TV9 Hindi)
7. गांधारी मंदिर (कर्नाटक): अब हम जानेंगे गांधारी मंदिर के बारे में, यह मंदिर मैसूर में स्थित है। इस मंदिर में कौरवों की माता गांधारी की पूजा होती है। इस मंदिर को 2008 में बनाया गया था। इस मंदिर को बनाने में लगभग 2.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। (Source: Webdunia Hindi)
8. रावण मंदिर (मध्य प्रदेश): अब हम जानेंगे उस मंदिर के बारे में जिस का संबंध रामायण से है। वह मंदिर है, रावण मंदिर। यह मंदिर विदिशा जिले के नटेरन तहसील में स्थित है। यह मंदिर रावण गांव नामक एक गांव में है। यहां रावण की लेटी हुई प्रतिमा की पूजा की जाती है। इस मंदिर में रावण को एक विद्वान और शिव के भक्त के रूप में सम्मानित किया जाता है। (Source: TV9 Hindi)
9. भीष्म पितामह मंदिर (उत्तर प्रदेश): अब हम जानने जा रहे हैं, भीष्म पितामह मंदिर के बारे में। यह मंदिर इलाहाबाद (प्रयागराज) के दारागंज क्षेत्र में स्थित है। इस मंदिर में भीष्म पितामह की तीरों के बने बिस्तर पर एक 12 फ़ीट लंबी एक मूर्ति बनी हुई है। इस मंदिर में इसकी पूजा की जाती है। (Source: Webdunia Hindi)
10. बर्बरीक मंदिर (राजस्थान): अब बारी है बर्बरीक मंदिर की। यह मंदिर भी महाभारत के पात्र से संबंधित है। यह मंदिर सीकर जिले के खाटू श्यामजी में स्थित है। इस मंदिर में भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक की पूजा की जाती है। इस मंदिर में बर्बरीक को भगवान श्याम के रूप में जाना जाता है। (Source: Webdunia Hindi)
यह प्राचीन मंदिर हमारे देश भारत की संस्कृति और इतिहास की गहराई को दर्शाते हैं, जिनमें अलग अलग-अलग इतिहासिक पात्रों को पूजा जाता है। “क्या आप इनमें से किसी मंदिर में गए हैं? अगर हां, तो अपने अनुभव हमारे साथ साझा करें!”
अगर आप इस विषय पर कुछ ओर जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दी गई वीडियो को जरूर देखें। धन्यवाद।