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दुर्गा लोधी: बिना हाथों के 10वीं में फर्स्ट डिवीजन हासिल!

आप सभी का हमारे ब्लॉग पोस्ट पर स्वागत है। आज हम आपको एक ऐसी कहानी सुनायेंगे, जो आपको जीवन भर प्रेरित करेंगी। हमें खुद को कभी किसी से कम नहीं समझना चाहिए। क्योंकि इस बात से कोई फरक नहीं पड़ता कि लोग आपके बारे में क्या सोचते है, फर्क इस बात से पड़ता है कि आप अपने बारे में क्या सोचते हैं। कठिनाइयां हर किसी के जीवन में आती है। लेकिन कुछ लोग उन से हार मान जातें है। पर कुछ लोग उनका डटकर सामना करते है।दिव्यांग होने के बावजूद बुलंद हौसले के साथ दी 10वीं की परीक्षा

आज हम जिसकी कहानी आपको सुनाने जा रहा है, उस का नाम दुर्गा लोधी है। दुर्गा लोधी मध्य प्रदेश के दमोह जिले के बम्हौरी गांव में रहतीं है। आपको जानकर हैरानी होगी कि वह जन्म से ही उसके दोनों हांथ नहीं हैं। उसने अपनी हिम्मत और शिक्षा के प्रति जुनून के बल पर, उसने 2016 में 10वीं की परीक्षा पैरों से लिखकर पहले स्थान से पास की थी। उस परीक्षा में उसने 600 अंक में से 395 अंक प्राप्त किए थे। उसने विज्ञान विषय में विशेष अंक प्राप्त किए थे।

दुर्गा और उसका परिवार उसकी इस उपलब्धि से बहुत खुश हुए और उनके गांव में उत्सव का माहौल बन गया था। अपनी इस उपलब्धि के बाद वो उन सभी लोगों के लिए मिसाल बन गई, जो अपने जीवन में छोटी-छोटी मुश्किलों से डर कर हार मान जातें हैं।

दुर्गा की इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि आत्मविश्वास और दृढ़ इरादे से हम किसी भी रुकावट को पार कर सकते है और अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं।

दुर्गा की उपलब्धि की कहानी दुनिया को यह ज्ञान प्रदान करती है कि अगर हम मन में दृढ़ संकल्प कर लें तो हमारी कोई भी शारीरिक कमी हमारे सपनों को सच करने से नहीं रोक सकती।

दुर्गा की इस सफलता पर हम उन्हें दिल से सलाम करते हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।

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