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किडनी की समस्या को दूर करने के प्राकृतिक इलाज, घरेलू तरीके

आजकल की आधुनिक जीवनशैली अधिकतर बीमारियों की एक अहम वजह है। हमारी बदलती लाइफस्टाइल की वजह से सिर्फ किडनी ही नहीं बल्कि शरीर के कई अंग बीमारियों की चपेट में शीध्रता से आ रहे है। ऐसे में अगर हम अपने फुड और डेली रुटीन में कुछ बदलाव करें तो इनसे आसानी से बच सकते हैं। जैसा की आप भी जानते है आज से 20-25 साल पहले तक बीमारियाँ इतनी ताकतवर नहीं थी की आसानी से शरीर को कमजोर कर दें। क्योंकि उस वक्त लोगों की जीवनशैली बहुत ही सात्विक और नियंत्रित होती थी। लेकिन आज की स्थिति बिल्कुल विपरीत हैं। आइये जानें किडनी की समस्या से कैसे बचा जाए।

किडनी की समस्या को दूर करने के प्राकृतिक इलाज, घरेलू तरीके

  1. पानी से किडनी की सफाई होती है। इसलिए 3-4 लीटर पानी रोजाना पिएं। कम पानी पीने से किडनी में पथरी की समस्या बहुत आसानी से हो जाती है और पेशाब में भी रुकावट पैदा हो जाती है। नियमित पौष्टिक और संतुलित आहार लें।
  2. शराब, तंबाकू और धूम्रपान से तौबा कर लें। क्योंकि जान है तो जहानं है। इन आदतों से किडनी की कार्यप्रणाली बहुत ही कमजोर हो जाती है जिससे रक्त का संचार बहुत ही धीमा हो जाता है और किडनी को जरूरत के हिसाब से रक्त नहीं मिल पाता और किडनी फेल होने की आशंका बढ़ जाती है।
  3. सुबह दैनिक कार्य के बाद व्यायाम को अपनी रूटीन में शामिल करें। व्यायाम सिर्फ आपकी किडनी को ही नहीं बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ रखेगा और शरीर को ऊर्जावान बनाये रखेगा।
  4. अपने ब्लडप्रेशर को नियंत्रित रखे क्योंकि अनियंत्रित रक्तचाप बहुत सी बीमारियों को न्योता देता है। उच्च रक्तचाप की वजह से क्रोनिक किडनी की समस्या पैदा हो जाती है। किडनी की समस्या के लिए उच्च रक्तचाप दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इसलिए ब्लडप्रेशर के इलाज में लापरवाही ठीक नहीं।
  5. मधुमेह से पीड़ित 30 प्रतिशत लोगों को किडनी की समस्या हो जाती है। इसलिए शुगर की बीमारी को हल्के में ना लें। उचित इलाज और सही खान-पान से मधुमेह को कंट्रोल में रखे।
  6. दर्द की दवाओं या साधारण किसी भी दवा का सेवन चिकित्सक की सलाह के बिना ना लें। कई बार खुद डॉक्टर बनना घातक भी हो सकता हैं। जरा-जरा सी तकलीफ पर बार-बार दवा का सहारा ना लें। हम अपने शरीर के अंदरूनी गतिविधि को नहीं जानते, जिस कारण अनावश्यक दवा का सेवन किडनी को क्षति पहुँचाता है।
  7. उम्र के हिसाब से अपने वजन को कंट्रोल करें। 35 की उम्र के बाद हर साल शरीर की सामान्य जाँच जरूर करवाएं। इस उम्र के बाद किसी भी समस्या को हल्के में ना लें।
  8. हरी सब्जी, फल, अंकुरित अनाज और तरल पदार्थो का सेवन नियमित करना चाहिए। तरल पदार्थो में दही, जूस, सूप, दूध जैसी कई चीजों का सेवन कर सकते है। अधिक मिर्च-मसाले, फास्ड फुड और तली हुई चीजों का सेवन ना के बराबर या बंद कर दें तो किडनी की सेहत दुरुस्त बनी रहेगी।
  9. नमक के बिना स्वाद की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की भोजन के माध्यम से हम जो भी नमक खाते है उसका 95 प्रतिशत सोडियम को पचाने में किडनी को अपनी क्रियाशीलता बढ़ानी पड़ती है जिससे किडनी की शक्ति क्षीण होती है। इसलिए अनावश्यक नमक का सेवन ना करें।
  10. अगर आपको किडनी की कोई भी समस्या है तो मुन्‍नके का सेवन करें। रात को कुछ मुन्‍नके साफ पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उस पानी को छानकर पी लें। कुछ समय तक इस पानी को पीने से किडनी संबंधी समस्या दूर हो जाती है।

दोस्तों, सही खान-पान हर समस्या का हल है इसलिए अपने भोजन में नमक का सेवन कम करें और नींबू, अजवायन, मेथी, धनिया, आँवला आदि हेल्दि चीजों का सेवन शुरू करें। यहाँ पर यह कहावत बिल्कुल फीट बैठती हैं- जैसा अन्न, वैसा तन। किडनी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसे गुर्दा के नाम से जाना जाता है। यह शरीर में पीछे कमर की ओर होता है। गुर्दा रक्त में से जल और बेकार पदार्थ को अलग करने का अहम कार्य करता हैं। इसके और भी कई कार्य होते है जैसे की हार्मोन्स को छोड़ना, रक्तचाप को नियंत्रित रखना और विटामिन-डी का निर्माण।

अनजाने में हम बहुत सी ऐसी गलतियाँ करते है जिससे किडनी जैसा महत्वपूर्ण अंग प्रभावित हो जाता है। पूरे विश्व में भारत किडनी संबंधी समस्याओं में पहले स्थान पर है। भारत में हर 10 में से एक इंसान को किडनी की समस्या होती है। हम अब भी किस संकेत का इंतजार कर रहे है? क्या हम अपनी आम आदतों में थोड़ा सा सुधार कर के किडनी को स्वस्थ नहीं रख सकते! दिल के बाद शरीर को स्वस्थ रखने की गतिविधियों में किडनी दूसरे स्थान पर है।

पर्याप्त आराम करें, सॉफ्ट ड्रिंक्स और सोडा ज्यादा ना लें, देर तक भूखा ना रहे, दूषित भोजन से बचे, हाईपरटेंशन का इलाज जल्द करवाएं और बहुत ज्यादा मांस का सेवन ना करें। सुबह उठते ही 3-4 गिलास पानी खाली पेट पिएं और फिर पेशाब करने जाएं। इससे किडनी की सफाई होती है। पेशाब को कभी भी ना रोके, नहीं तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी ही छोटी-छोटी आदतों में बदलाव लाकर हम किडनी की सेहत को भारी नुकसान से बचा सकते हैं।

भोजन के पश्चात मूत्र-त्याग करने का नियम बना लीजिये। इस नियम का निरंतर पालन करने से आप किडनी की अनेक बीमारियों से निजात पा सकते हैं। यह नियम स्वस्थ और किडनी रोग से ग्रस्त सभी लोगों के लिए लाभदायक हैं। इस नियम से गुर्दे की समस्या से तो बचाव होगा ही, साथ में ये कमर और लिवर के रोग, गठिया, पौरुष ग्रंथि प्रॉस्टेट की वृद्धि आदि अनेक बीमारियों से भी बचाव करेगा।

सदा एक्टिव रहें। कहा जाता है कि व्यक्ति के एक्टिव रहने से उसके कई रोग दूर हो जाते हैं। क्योंकि सक्रियता आपके जीवन को नियंत्रित करती है। जिससे कई बीमारियां आपसे दूर रहती है। जैसे ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, मोटापा जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से भी बचे रहते हैं।

तो आज से ही अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए सक्रियता और खुशी को अपनाएं और किडनी संबंधी बीमारियों से दूर रहें। आपको हमारी यह जानकारी कैसी लगी? अपने अनुभव हमारे साथ जरूर शेयर करें। किडनी की समस्या से पूर्णरूप से कैसे निजात पाया जाये इसके लिए अपने डॉक्टर से संपर्क कर उचित इलाज अवश्य लें। स्वास्थ्य संबंधी समस्या में लापरवाही किसी भी लिहाज से उचित नहीं हैं।

अगर ये जानकारी आपको अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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